22 वीं टेम में नरई मनक माराऊँ केई, ‘ओ परबू, ओ परबू, कई माँ थाँका नामऊँ आगेवाणी ने किदी? कई थाँका नामऊँ हुगली आत्माने काड़ी? कई, थाँका नामऊँ नरई परच्या ने किदा?’
मूँ थाँकाऊँ हाचेई कूँ हूँ के, न्याव का दन में वीं नगर को हाल सदोम अन अमोरा का हालऊँ घणो खराब वेई।
“वीं दन अन वीं घड़ी का वाते कुई भी ने जाणे हे, ने हरग-दुत अन ने पूत, पण बेस परम बापू।
“ईंका केड़े वीं दूजी कुवारिया छोरियाँ भी आन केबा लागी, ‘हो मालिक, हो मालिक, माकाँ वाते कमाड़ खोल दो।’
“ज्यो मने, हो परबू, हो परबू केवे हे वाँका मेंऊँ हाराई हरग का राज में ने जई सकी, पण वोईस जा सकी, ज्यो मारा हरग का बाप की मरजी पे चाले हे।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, न्याव का दन वणी नगर की दसा सदोम का लोग-बागाँ की दसाऊँ खराब वेई।”
या बात वणी आपणाँ मनऊँ ने किदी, पण वो वीं टेम को मोटो याजक हो अन वणी आगेवाणी किदी के, ईसू यहूदी लोगाँ का वाते मरबा ने जारियो हे।
पण भायाँ-बेना, थाँ तो ईं अंदारा में ने हो के, परबू के पाच्छा आबा को दन थाँका पे अणाचेत को चोर की जस्यान आ जावे।
ओ वीं दन वेई जद्याँ वो आपणाँ हाराई पुवितर मनकाँऊँ जतरा वींपे विस्वास करी मेमा अन आदर-मान लेवा आई। तो थाँ भी वाँका में भेळा वेवो, काँके माँ ज्यो हव हमच्यार थाँने बतायो हे, वींको थाँ विस्वास किदो हे।
अन ईं वजेऊँ मूँ ईं हारई दुक जेलूँ हूँ, पण मूँ ईं वाते हरमा ने मरूँ हूँ, काँके मूँ जाणूँ हूँ के, मारो विस्वास किंपे हे? अन मूँ ईं बात वाते पाको हूँ के, ज्यो कई वणा मने हूँप्यो हे, वींने मसी के पाच्छा आबा का दन तईं बंचाबा में तागतवर हे।
परमेसर वींपे भी, मसी के पाच्छा आबा का दन दया करे। थूँ भी हव तरिया जाणे हे के, वणी इपिसुस में मारा वाते कई-कई किदो हो?
अन अबे वटे परमेसर का हाते जीत को ईनाम मारी वाट नाळरियो हे, जिंने धरमी अन खरा न्याव करबावाळा परबू आकरी दन में मने देई। मने एकला नेईस ने, पण वाँ हाराई ने भी ज्यो परेम का हाते वींके परगट वेबा की वाट नाळे हे।