पाछो मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ, यद्याँ थाँकाऊँ दो जणा धरती पे कणी एक बात का वाते एक मन वेन वींने मांगी, तो वो मारा बाप की ओरू ज्यो हरग में हे, वाँका वाते वेजई।
“वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
पछे थोड़ाक आगे जान वे धरती पे उन्दो पड़न परातना किदी, “ओ मारा बाप, यद्याँ वे सके तो या दुक को प्यालो माराऊँ छेटी वे जावे, तो भी मूँ छावूँ जस्यान ने, पण जस्यान थूँ छावे वस्यानीस वेवे।”
जद्याँ घर को मालिक पोळ का कमाड़ बन्द कर देवे अन थाँ बारणे ऊबा वेन पोळ की हाँकळ वजान केवो, ‘ओ स्वामी जी, माकाँ वाते कमाड़ खोल दो।’ “वो जबाव दे के, ‘मूँ थाँने ने जाणूँ हूँ अन थाँ कटा का हो?’
अबे ओर ईं दनियाँ का गेला पे मती चालो, पण थाँका मना ने नवा करन खुद ने बदल लेवो, जणीऊँ थाँ परमेसर की मरजी ने परको अणजाण सको हे, मतलब ज्यो हव अन ज्यो वींने भावे हे अन ज्यो सिद हे।
इपफरास, ज्यो थाँका मेईलोईस हे अन मसी ईसू को दास हे, वो थाँने आद कररियो हे अन हरदाण थाँका वाते आका मनऊँ परातना करे हे। जणीऊँ थाँ हमजदारी अन पूरा भरोसा का हाते परमेसर की मरजी में अटल रेवो।
ज्याँने पेल्याँ हव-हमच्यार हुणायो ग्यो हो, वीं आग्याने ने मानन रईम्बावाळी जगामें ने जा सक्या हा, ईं वाते अबाणू भी थोड़ाक मनकाँ का वाते रईम्बावाळी जगाँ को कमाड़ खुल्यो तको हे।
ज्यो भी जिती, वीं अस्याईस धोळा गाबा पेरी। मूँ जीवन की किताब मेंऊँ वाँका नामने ने वगाड़ूँ, पण वाँका नाम ने बापू परमेसर अन वींका हरग दुताँ का हामे मान लेऊँ के, ईं मारा हे।