ईं वाते मूँ थाँने केवूँ के, अणा मनकाँ का विरोद में कई मत करो आने अस्यानीस छोड़ दो। यद्याँ आका ईं काम अन ओजणा मनकाँ की आड़ीऊँ हे तो वे वस्यानीस खतम वे जाई,
अन थाँ भई बतावो, अंजीर का रूँकड़ा के जेतुन अन अंगूर का वेलड़ा के अंजीर लागे हे कई? कदीई ने लागे। अन नेई खारो पाणी निकळबावाळा कूण्ड़ाऊँ मिटो पाणी निकळ सके हे।