“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ मनकाँ का वाते हरग का राज को बारणो बन्द करो हो, ने तो थाँ खुद परवेस करो हो अन ने वींमें परवेस करबावाळा ने परवेस करबा देवो हो।
जद्याँ वी ईसू का नकेऊँ जाबा लागा तो पतरस ईसुऊँ क्यो, “हो मालिक, माँको अटे रेणो भलो हे, माँ अटे तीन छतरिया बणावा एक थाँका वाते, एक मूसा का वाते अन एक एलिया वाते।” वो खुद ने जाणतो हो के, वो कई केरियो हे।
ईं दनियाँ को सेनापती ज्यो सेतान हे, वो वणा मनकाँ की अकल ने बन्द कर मेली हे जीं विस्वास ने करे हे। जणीऊँ वीं परमेसर का रूप में मसी ने अन वाँकी मेमावान उजिता का हव हमच्यार ने ने देक सके।
जणा मनकाँ को नाम वीं उन्याँ की जीवन की किताब में ने लिक्यो तको हो, वीं हाराई वी डरावणा जनावर के धोक लागी। अन यो उन्यो ज्यो ईं दनियाँ की सरुआतऊँ बली वेबा का वाते ते किदो ग्यो हो।
वो वींने मोटा पाताळ में नाक दिदो अन वींके ऊपरे मोर लगा दिदी के, ओ एक हजार वरा तईं मनकाँ ने ने भरमाई, पण ईंका केड़े थोड़ाक टेम का वाते ईंने छोड़ दिदो जाई।