1 “दूजाँ पे दोस मती लगावो, ताँके परमेसर भी थाँका पे दोस ने लगावे।
काँके थाँको भी न्याव वस्यानीस करियो जाई, जस्यान थाँ न्याव करबा की टेम में दूजाँ मनकाँ का हाते करो हो। परमेसर थाँने वणीस नापऊँ नापी जणीऊँ थाँ दूजाँ ने नापो हो।
हे कपटी पेल्याँ आपणी आक्याँ मूँ मोटो तरकल्यो काड़ ले, तद्याँ थूँ खुद का भई की आक्याँ मूँ फोरो तरकल्या ने हुदो देकन काड़ सेकी।
दोस ने लगावो, तो थाँका ऊपरे भी दोस ने लगायो जाई। किंने दोसी मती ठेरावो, तो थाँ भी दोसी ने ठेराया जावो। माप करो, थाँने भी मापी दिदी जाई।
थूँ आपणाँ भई की फोरीक बुरई कई लेवा देके हे? अन थने आपणी खुद की मोटी बुरई तो दिकी भी कोयने?
जद्याँ वीं वाँकाऊँ पूँछता रिया, तो वो हुदो ऊबो वेन वाँकाऊँ क्यो, “थाँका मेंऊँ कणी पाप ने किदो वे, वो पेल्याँ ईंके भाटा की ठोको।”
हो मारा भायाँ, थाँका मेंऊँ हेला मण्डली में हिकाबावाळा मती बणज्यो, काँके थाँ जाणो हो के, माँ हिकाबावाळा को न्याव ओरुँ भी कल्ड़ो किदो जाई।