32 काँके बना विस्वासवाळा मनक ईं हारी चिजाँ का पाच्छे दोड़ता रेवे हे, अन थाँके हरग को बाप जाणे हे के, थाँके ईं हारी चिजाँ छावे हे।
ईं वाते थाँ वाँके जस्यान मती बणो, काँके थाँको बाप थाँके मांगबाऊँ पेल्या जाणे हे के, थाँके किंकी जरूत हे।
काँके दनियाँ की हाराई मनक जी परमेसर ने ने माने हे, वीं अणा हारी चिजाँ की खोज में रेवे हे अन थाँका बापू परमेसर जाणे हे के, थाँने अणा चिजाँ की जरूत हे।
मूँ ईं वाते ओ केवूँ हूँ अन परबू का नाम में थाँने हेंचेत करूँ हूँ के, ज्यो विस्वास ने करे हे वाँके जस्यान अबे कदी भी जीवन ने जीवो, जिंको बच्यार कई काम को ने हे।
मारा परमेसर आपणाँ मेमा भरिया धनऊँ ईसू मसीऊँ थाँकी हारी कमी ने पुरी करी।
अन ओ काम परमेसर ने ने मानबावाळा अधरमी लोगाँ का जस्यान बुरा बच्यार राकन ने करणो छावे।