गेला का कनारे पड़्या तका बीज वणा मनकाँ का जस्या हे जीं ओ तो हुणे हे के, परमेसर कस्यान लोगाँ का मन पे राज करे हे पण वीं वींने हमजे कोयने। अन पछे सेतान आवे अन ज्यो बाताँ वणा हूणी ही वणा हारी बाताँ ने भुलई देवे हे।
थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।
हो भायाँ, हाराऊँ मोटी बात तो या हे के, थाँ होगन मती खाज्यो, ने तो हरग की अन ने धरती की अन नेई कणी चीज की। पण थाँकी बाताँ हा की हा अन ने की ने वेवे, जणीऊँ थाँने परमेसर को दण्ड ने भोगणो पड़े।
आपाँने केन का जस्यान ने वेणो हे, ज्यो सेतान का आड़ीऊँ हो, जणी आपणाँ भई ने मार दिदो हो। काँके वींके भई का काम धरम का हा अन केन का काम बुरा हा, ईं वजेऊँ वणी वींने मार नाक्यो।