काँके परमेसर माराऊँ लाड़ राके हे अन ज्यो ज्यो काम वो खुद करे हे, वीं हाराई मने बतावे हे अन वो अणीऊँ भी मोटा-मोटा ने मने करबा का वाते देई। तद्याँ थाँ देकन अचम्बो करो।
काँके सास्तर में भी लिक्यो तको हे के, “हाराई मनक चारा के जस्यान हे, अन वाँको सजणो अन धजणो भी काकड़ का फुल का जस्यान हे। चारो हूक जावे हे अन फुल जड़ जावे हे।