ईसू वींने क्यो, “कई थाँ पवितर सास्तर में ओ ने भण्यो के, “‘जणी भाटा ने राज कारीगर बेकार जाण्यो हो, वोईस खुणा को खास भाटो बणग्यो। ओ परबू का आड़ीऊँ व्यो, अन मारी नजर में मोटी बात वीं?’”
तो पतरस वींने क्यो, “थाँ दुई जणा परमेसर की आत्माने परक करबा के वाते काँ राजी व्या? देक, थाँरा घरधणी ने गाड़बावाळा बारणा में ऊबा हे, अन वीं थने भी तोकन लेजाई।”