9 अन आपणाँ-आपणाँ मन में यो ने होचो के, ‘आपीं अबराम का बंसज हा’ काँके, मूँ थाँकाणी केवूँ हूँ के, परमेसर अबराम का वाते अणा भाटाऊँ भी बाळक पेदा कर सके हे।
यो देकन, वो फरीसी जणी वींने बलायो हो, आपणाँ मन में होचबा लागो, “यद्याँ यो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो वेतो तो जाण लेतो के, वाँ कस्यी अन कूण लुगई हे? के, वा तो पापी लुगई हे।”