तद्याँ ईसू वणा नगराँ ने धिकार देबा लागो, जणामें वणी नरई अचम्बावाळा काम किदा हा। काँके वटा का लोगाँ पाप करणो ने छोड़्यो अन ने आपणाँ मन ने वींका आड़ी फेरियो।
नीनवे नगर का लोग-बाग न्याव का दन ईं जुग का लोगाँ का हाते उटन थाँने दोसी बणाई, काँके वाँकाणी योना को परच्यार हामळन वणा आपणाँ मन पापऊँ फेर लिदो अन देको, अटे ज्यो हे, वो योनाऊँ भी मोटो हे।
ईसू वाँने एक ओरी केणी क्यो, “हरग को राज खमीर का जस्यान हे जिंने कुई लुगई थोड़ोक लेन तीन पसेरी आटा में मला देवे अन देकताई-देकता वणी हाराई आटा ने खमीर फुजई देवे हे।”
वाँकाणी वाँने क्यो, “ईं वाते नेमा ने हिकाबावाळा ज्यो परमेसर का राज का चेला बण्या हे, वीं वणी घरवाळा का जस्यान हे ज्यो भण्डारऊँ नई अन जूनी चिजाँ बारणे काड़े हे।”
“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ मनकाँ का वाते हरग का राज को बारणो बन्द करो हो, ने तो थाँ खुद परवेस करो हो अन ने वींमें परवेस करबावाळा ने परवेस करबा देवो हो।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, अणीईस तरियाऊँ एक मन फेरबावाळा पापी का बारा भी हरग में अतरोइस आणन्द वेगा, जतरो वणा नन्याणूँ धरमी भगताँ का वाते ने वेवे हे ज्याँने मन बदलवा की कई जरुरत ने हे।”
विस्वास्याँ जद्याँ ओ हुण्यो, तो वे छाना-माना वेग्या अन परमेसर की मेमा करता तका केबा लागा, “आ हव बात हे, परमेसर जो यहूदी ने वाँने भी पापऊँ मन बदलबा को अन नुवो जीवन पाबा को मोको दिदो हे।”
पतरस वाँने क्यो, “मन ने बदलो अन आपणाँ पापाँ की मापी के वाते थें हारई ईसू मसी का नामऊँ बतिस्मो लेवो। परमेसर थाँने पापाऊँ मापी देई अन थाँने पुवितर आत्मा को दान मल जाई।
पण पेल्याँ दमिसक का, पछे यरूसलेम का अन यहूदियाँ का हंगळा देसा में रेबावाळा अन जो यहूदी ने हा, वाँने हमजातो रियो, के आपणाँ मन ने फेरो अन परमेसर का आड़ी आवो अन मन फरावा जोगो काम करो।
काँके ज्यो दुक परमेसर का आड़ीऊँ आवे हे वींको फळ मन फेरान लेन आवे हे अन जिंकी वजेऊँ दुक ने वेवे पण बंचाया जावाँ हाँ। पण ज्यो दुक दनियाँ की वजेऊँ मले हे, वो दुक मोत लेन आवे हे।
ईं वाते आवो, मसी की हिक की सरुआत की बाताँ ने छोड़न आपाँ पाका वेबा का वाते आगे बड़ता जावा। अन आपाँ सरुआत की हिक की नीम पाच्छी ने नाका, जस्यान के, मोत का आड़ी लेजाबावाळा कामाँऊँ मन फेरणो, अन परमेसर पे विस्वास करणो,
परबू आपणाँ वादा ने पूरा करबा में देर ने लगावे, जस्यान नरई मनक होचे हे। पण परमेसर आपणाँ वाते धीरज राके हे, काँके वो किंने भी नास करणो ने छावे हे। पण वो छावे हे के, हाराई मनक आपणाँ मन ने पापऊँ अलग करन मन फेरे।
ईं वाते होस में आ अन ओ होच के, थूँ कटेऊँ पड़्यो, थूँ आपणो मन बदल अन पेल्याँ का जस्यान काम कर अन जद्याँ थूँ अस्यान ने करी, तो मूँ थाँरा नके आन थाँरा दिवा ने वींकी जगाँऊँ छेटी कर देऊँ।