60 अन वाँने आपणी नुई कबर में मेली, ज्यो वणी मोटी छाट में बणई ही, अन कबर का बाणा पे मोटो भाटो आड़ो देन परोग्यो।
युसुप लास लिदी अन वींने नवा धोळो पसेवड़ा में लपेटी,
तद्याँ वीं रुकाळ्या ने हाते लेन पराग्या। अन भाटा पे मोर लगान कबर की रुकाळी किदी।
अन वटे अणाचेत को एक मोटो भूकम आयो, काँके परबू को एक दूत हरगऊँ आयो अन वाँका नके आन वो भाटो तोकन हरका दिदो, अन वींपे बेटग्यो।
वाँने कबर का मुण्डा पूँ मोटो भाटो छेटी हरकायो तको मल्यो।
ईसू आत्मा में घणो दकी वेन कबर के पे आया। वटे एक गुफा ही अन एक मोटो भाटो वींका मुण्डा ने ढाक मेल्यो हो।
तद्याँ वाँकाणी वीं भाटा ने छेटी किदो। पसे ईसू ऊपरे देकन क्यो, “हो बापू परमेसर, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ, काँके थाँ मारी हूणी हे।
वीं जगाँ पे जटे ईसू हूळी पे चडाया ग्या हा। वींका नकेईस एक बाग हो अन वीं बाग में एक भाटा में खोदी तकी नुवी कबर ही। जिंमें कदी भी कणी लास ने राकी ही।
हपता का पेले दन दितवार ने मरियम मगदलीनी भाग-फाट्याँईं कबर पे अई अन कबर का मुण्डाऊँ भाटा ने छेटी हरक्यो तको देक्यो।