54 तद्याँ रोमी सेनापती अन ज्यो वींका हाते ईसू के पेरो देरियो हाँ, भूकम अन ज्यो कई व्यो हो, वींने देकन घणा दरपग्या अन क्यो, “हाँचई में ओ परमेसर को पूत हो।”
हो सपायाँ का हाकम, ज्यो ईसू का हामे ऊबो हो, वींने बोलतो तको हुण्यो अन देक्यो के, वींको जीव कस्यान निकळयो। वणी क्यो, “ओ मनक हाँची में परमेसर को पूत हो।”
तद्याँ सेनापती अदिकारियाँ मूँ दो ने बलान क्यो, “दोस्ये सपई, हित्तर घुड़ सवारीवाळा, अन दोस्ये भाला चलाबावाळा सपायाँ ने आज रात नो बज्याँ केसरिया देस जाबा के वाते त्यार राको।
जद्याँ आ बात ते वेगी के आपीं जाँजऊँ इटली जावाँ, तो वाँकाणी पोलुस अन वींका हातेवाळा ने युलियुस नाम का हो सपायाँ का सेनापती ने हूँप दिदा, वीं फोज ने “राजा की फोज” केता हा।