45 दपराँ का बारा बज्याँ लेन तीन बज्या तईं वीं हारा देस में अन्दारो रियो।
हवेर पेल्याँ नो बजी ही, जदी वाँकाणी वींने हूळी पे चड़ा दिदो हो।
यो फसे का तेवार की त्यारी को दन हो अन दपराँ की बारा बज्याँ के लगे-भगे टेम हो। तद्याँ पिलातुस यहूदियाँऊँ क्यो, “देको, ओ रियो थाँको राजा।”
दपराँ केड़े तीनेक बज्या परातना की टेम पे पतरस अन यहुन्नो मन्दर में जारिया हा।
जद्याँ चोते हरग-दुत रणभेरी बजई, तो एक तीहाई सुरज, चाँद अन तारा पे विपती आई। ईं वजेऊँ वाँको एक तीहाई भाग काळो पड़ग्यो। जिंका वजेऊँ एक तीहाई दन अन रात में अन्दारो वेग्यो।
अन वणी पाताळ ने खोल्यो, वींके मयनेऊँ भटा का जस्यान धूवो आयो, अन वीं धूवाऊँ सुरज अन आकास काळो पड़ग्यो।