34 तो वणा ईसू ने कड़वी चीज मलायो तको अंगूरा को रस पिबा का वाते दिदो, पण वणा वींने छाकन पिणो ने छायो।
वाँका मूँ एक तरत दोड्यो, अन रुँई का फूबाँ ने खाटा अंगूरा का रस में डबोक्यो अन लाकड़ी पे मेलन वींने सुकायो।
जदी वाँ वींने मीर नाम की ओगद मलायो तको खाटा अंगूरा को रस पिबा ने दिदो। पण, वाँकाणी वींने ने पिदो।
काँके जणा लोगाँ एक दाण उजितो पा लिदो हे, अन जणा हरग का वरदान को हवाद चाकी लिदो हे अन जीं पुवितर आत्मा का भागीदार वेग्या हे।