14 पण ईसू वाँने एक भी जवाब ने दिदो, अणीऊँ हाकम पिलातुस ने भी घणो अचम्बो व्यो।
पण ईसू छानारिया। तद्याँ मायाजक वाँकाऊँ क्यो, “मूँ थने जीवता परमेसर की होगन दूँ हूँ के, यद्याँ थूँ परमेसर को पूत मसी हे, तो माँकाऊँ के दे।”
जद्याँ मुक्य याजकाँ अन दाना नेता वींपे दोस लगारिया हाँ, तो वणी कई जवाब ने दिदो।
ईंपे पिलातुस वींने क्यो, “कई थूँ ने हुणरियो हे के, ईं थाँरा विरोद में कतरी गवायाँ देरिया हे?”
पण, ईसू अबे भी कई जबाव ने दिदो। ईं बात पे पिलातुस ने घणो अचम्बो व्यो।
वो ईसुऊँ घणा सवाल पूछतो रियो पण, ईसू कई भी जबाव ने दिदो।
अन पछे दरबार का मयने जान ईसुऊँ क्यो, “थूँ कटा को हे?” पण, ईसू वींने कई जबाव ने दिदो।
काँके मने अस्यान लागरियो हे के, परमेसर माँ खन्दाया तका ने मोत को दण्ड दिदो जा चुक्या मनकाँ का जस्यान हाराईऊँ अंत में राक्या हे, काँके आपाँ आकी दनियाँ अन हरग-दुताँ अन मनकाँ का वाते तमासो बणा हा।