73 थोड़ीक देर केड़े ज्यो वटे ऊबा हाँ, वणा पतरस का नके आन वणीऊँ क्यो, “हाँचई थूँ वाँका मूँ एक हे, काँके थारी बोली थारो भेद बतारी हे।”
एक दाण पाछो पतरस होगन खान नकारन क्यो, “मूँ वी मनक ने ने ओळकूँ हूँ।”
तद्याँ वो मातो कुटबा लागो अन होगन खाबा लागो के, “मूँ वीं मनक ने ने ओळकूँ हूँ।” अन तरत कूकड़ो बोल्यो।
पतरस पाछो नटग्यो। पछे थोड़ीक देर केड़े उटे ऊबा मनक पतरस ने क्यो, “हाँची में थूँईस हे, वाँ मनकाँ मूँ एक, काँके थूँ गलील को हे।”
तो वीं ओरी अचम्बा में पड़न बोल्या के, “ये हंगळा बोलबावाळा गलील हिमाड़ा का कोयने कई?