“यद्याँ थूँ आपणाँ विरोदी का हाते कोरट में जाती दाण गेला में वे तो जट-पट वणीऊँ हमजोतो करले कटे अस्यान ने वे के, थाँरो विरोदी थने हाकम का हाताँ में हूँपे, अन हाकम थने सपाई का हाताँ में हूँपे अन थूँ जेळ में नाक्यो जावे।
ईं वाते मन्दर का पेरादाराँ का मुक्यो आपणाँ सपायाँ की लारे वटे ग्यो अन थरप्या तका ने बना लड़ई-जगड़ा किदाई लेन आयो, काँके वाँने दरपणी ही के कटई लोग-बाग भाटा ने फेकबा लाग जा।