ईसू वींने क्यो, “कई थाँ पवितर सास्तर में ओ ने भण्यो के, “‘जणी भाटा ने राज कारीगर बेकार जाण्यो हो, वोईस खुणा को खास भाटो बणग्यो। ओ परबू का आड़ीऊँ व्यो, अन मारी नजर में मोटी बात वीं?’”
मनक का पूत ने तो मरणोइस हे, जस्यान वाँका वाते लिक्यो हे, पण ज्यो मनक का पूत ने पकड़ाई, वींका वाँते घणी दुक बात वेई। वीं मनक के वाते आ बात घणी हव वेती, जदी वो जनमई ने लेतो।”
“ओ मारा भई अन बेना, ईसू ने बंदी बणाबावाळा ने गेलो बताबावाळो यहूदो, जिंका बारा में सास्तर में लिक्यो हे, जो दाऊद का मुण्डाऊँ पुवितर आत्मा नरई दनाँ पेल्याँई के दिदो हो, वाँ बात पुरी वेणी जरूरी ही।