पण मूँ थाँकाऊँ यो केवूँ हूँ के, कणी बुरई करबावाळा का हाते बुरई मती करो, पण ज्यो कुई थाँका जीमणो गाल्डा पे रेपट मारे, तो वाँकी आड़ी दूज्यो गालड़ो भी कर देज्यो।
काँके अणा मनकाँ थाँका दासा अन थाँका आड़ीऊँ बोलबावाळा को लुई वेवाड़्यो हे। थाँ न्याव करबावाळा हो, थाँ वाँके पिवा का पाणी ने लुई बणा दिदो, काँके वीं अणीईस जोगा हे।”