51 पछे ईसू का हण्डाळ्याँ मूँ एक जणे तरवार म्यानऊँ काड़ दिदी अन मायाजक का नोकर पे वार करन वींको कान्दड़ो काट दिदो।
पतरस वाँने क्यो, “यद्याँ मने थाँरा हाते मरणो भी पड़े, तो भी मूँ थाँका वाते कदी ने नटूँ।” अस्यानीस दूजाँ हाराई चेला भी क्यो।
तो ईसू को एक चेलो, ज्यो वाँका नके ऊबो हो, आपणी तरवार निकाळन मायाजक का एक नोकर पे चला दिदी, जींऊँ वींको कान्दड़ो कटग्यो।
पण, ईसू वाँका आड़ी फरन वाँने तापड़्या।
ईसू वींने क्यो, “मारो राज ईं दनियाँ को ने हे। यद्याँ मारो राज ईं दनियाँ को वेतो तो मने मानबावाळा लड़ता के, मूँ यहूदियाँ का हाताँ में हूँप्यो ने जाऊँ। पण मारो राज अटा को ने हे।”
काँके जणी ओजाराँऊँ माँ लड़ा हाँ वीं दनियाँ का ओजार ने हे, पण वणा ओजार में आत्मिक गड ने हड़ाबावाळी परमेसर की तागत हे।