फसे को अन बना हाज्या की रोट्याँ का तेवार के दो दन पेल्याँ की बात हे, मुक्य याजकाँ अन मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा एक असी जाळ वसारिया हा। जींऊँ वे ईसू ने ईं जाळ में नाकन बंदी बणान मार सके।
पण मने दरपणी लागे हे, काँके कदी अस्यान ने वेजा के, जस्यान धरती की पेली लुगई ज्या हवा ही, वींने हाँप आपणी चालऊँ भटका दिदी ही, वस्यानीस ईं थाँका मन भी मसी की भगतीऊँ अन पवितरताऊँ ज्यो आपाँने मसी का वाते राकणी छावे, वणीऊँ भटका ने दिदो जावे।