38 तद्याँ ईसू वाँने क्यो, “मारो जीव घणो दकी हे, अटा तईं के, मारो जीव निकळबा में हे। थाँ अटेईस ठमो अन मारा हाते जागता रेवो।”
तो पछे ईसू क्यो, “ईं वाते हेंचेत रेवो, काँके थाँ ने तो वीं दन ने जाणो हो, ने वीं टेम ने, जद्याँ मनक को पूत आई।”
वे वाँने क्यो, “मारा मन में घणो दुक हे, जींऊँ मारो जीव निकळबा में हे। थें अटे रुको अन जागता रेवो।”
“अबे मारो जीव दकी हे। ईं वाते कई मूँ यो कूँ के, ‘हो बापू, मने अणी घड़ीऊँ बंचा’? ने, पण मूँ तो अणी घड़ी का दुक नेईस भोगबा आयो हूँ।
जणी आपणाँ बेटा ने भी राक्यो, पण आपणाँ हाराई वाते मरबा का वाते दे दिदो। तो पछे वीं वींके हाते आपाँने हारोई काँ ने देई?
अन जणी कदीई पाप ने किदो वींने परमेसर आपणाँ पापाँ का वाते बली बणायो जणीऊँ आपाँ परमेसर का हामे सई मान्याँ जावाँ।
ईसू मसी ज्यो आपणाँ वाते हरापित व्यो अन आपाँने वणा मूसा का नेमाऊँ छोड़ाया, काँके सास्तर में लिक्यो हे के, “ज्यो कुई हूळी पे लटकायो जाई वो हरापित वेई।”
वीं आपणाँ पापाँ ने खुद की देह पे लेन हूळी पे चड़ग्या, ताँके आपाँ पाप का वाते मरन धारमिकता का वाते जीवन जीवाँ, वींके मार खाबा के वजेऊँ थाँ हव व्या हो।
काँके मसी भी आपणाँ पापाँ का वाते दुक जेल्यो हो। ईंको मतलब ओ हे के, वो निरदोस हो तो भी वो आपणाँ पाप का वाते एक दाण मरग्यो, जणीऊँ वो आपाँने परमेसर का नके ले जावे। वो देह का रूप में तो मरग्यो, पण आत्मिक रूप में जिवायो ग्यो हे।
वाँ टेम नके हे, जद्याँ हारोई नास वे जाई। ईं वाते थाँ हमजदार बणो अन खुद ने बंस में राको, जणीऊँ थाँने परातना करबा में मदत मले।