23 तद्याँ ईसू वाँने क्यो, “जिंको हात मारी थाळी में हे, वो मने धोकाऊँ पकड़वाई।
ईंपे चेला नरई दकी व्या अन वीं वाँकाऊँ हाराई पूँछबा लागा, “हो परबू, कई वो मूँ हूँ?”
“पण, देकज्यो, ज्यो मने धोकाऊँ पकड़वाई, वो मारा हाते अणी जीमण में हे।
“मूँ थाँका हाराई का वाते ने केवूँ हूँ, जाँने में चुण लिदा वाँने मूँ जाणूँ हूँ, पण यो ईं वाते हे के, पुवितर सास्तर को यो लेक पूरो वे, ‘ज्यो मारा रोटा खावे हे, वीं मारा पे लात उठई।’