18 ईसू क्यो, “नगर में फलाणा आदमी का नके जान वणीऊँ केवो के, गरू केवे हे के, ‘मारो टेम नके हे, मूँ आपणाँ चेला का हाते थाँरा अटे फसे को तेवार मनाऊँ।’”
यद्याँ कुई थाँकाऊँ पुच्छे, तो केज्यो के, ‘परबू ने ईंकी सावना हे,’ तद्याँ वो तरत वींने खोलन थाँका हाते खन्दा देई।”
अन कणीऊँ भी आपणाँ खुद ने मालिक मती केवाज्यो, काँके थाँको एकीस मालिक हे, ओर वो मसी हे।
“पण थाँ मनकाँऊँ खुद ने ‘गरुजी’ मती केवाज्यो, काँके थाँको तो एकीस गरू हे, अन थाँ हाराई जस्यान हो।
ईं वाते चेला ईसू की आग्या मानी अन फसे का तेवार की त्यारी किदी।
“थें जाणो हो के, दो दन केड़े बना हाज्या की रोट्याँ को तेवार हे अन मनक का पूत ने हूळी पे चड़ाबा का वाते धोकाऊँ पकड़वायो जाई।”
अन पछे वो ईसू का नके आन क्यो, “हो गरुजी, नमस्कार।” अन वाँके बोको दिदो।
जद्याँ ईसू बोलइसरिया हा, तद्याँ याईर का घरऊँ कुई मनक आया अन याईरऊँ क्यो, “थारी बेटी मरगी। अबे थूँ गरुजी ने यूँई दुक मती दे?”
जद्याँ मूँ मन्दर में थाँका हाते हो, तो थाँ मने ने पकड़्यो हो पण, यो थाँको टेम हे जिंपे अंदारा को राज हे।”
अस्यान केन मारता पाच्छी परीगी अन आपणी बेन मरियम ने बलान छानेकूँ क्यो, “गरुजी अटेईस हे अन थने बलारिया हे।”
ईं बात पे ईसू वाँने क्यो, “वाँ टेम आगी हे के, मनक का पूत की मेमा वेवे।
फसे का तेवार पेल्याँ जद्याँ ईसू जाणग्यो के, “मारी वाँ घड़ी आ पूगी हे के, मूँ दनियाँ छोड़न बापू का नके जाऊँ।” तो ईसू आपणाँ लोगाऊँ ज्यो दनियाँ में हाँ, जस्यान परेम वो राकतो हो आकरी तईं वस्यानीस परेम राकतो रियो।
ईसू ईं बाताँ किदी अन आपणी मुण्डो हरग आड़ी करन क्यो, “ओ मारा बापू, वाँ टेम आगी हे, आपणाँ पूत की मेमा करो, ताँके पूत भी थाकी मेमा करे।
ईसू वींने क्यो, “मरियम।” वाँ पाच्छी फरी अन वाँकाऊँ इबरानी भासा में क्यो, “रब्बुनी।” ईंको मतलब हे, “हे गरू।”
पछे वीं वींने पकड़णो छायो, पण कुई भी वींने हात ने लगा सक्यो, काँके वींके पकड़्यो जावा को टेम अबाणू ने आयो हो।
तद्याँ ईसू वाँने क्यो, “मारा वाते अबाणू तेवार में जाबा का वाते सई टेम ने आयो हे, पण थाँका वाते हरेक टेम सई हे।
ईं तेवार में थाँ जावो। मूँ अबाणू ईं तेवार में ने जावूँ, काँके मारो वाते सई टेम आलतरे ने आयो हे।”