5 जद्याँ बींद का आबा में थोड़ीक देर वेगी, तो वीं हारई ऊँगवा लागी अन हूँई गी।
पण यद्याँ वो निकमो दास होचबा लागे के, ‘मारा मालिक ने आबा में आलतरे टेम हे,’
“नरई दनाँ केड़े वणा दासा को मालिक आन वाँकाऊँ हस्याब पूँछबा लागो।
पण हमजदारा आपणाँ दिवा का हाते तेल भी हेलो लिदो।
“आदी रात में हो हाको व्यो, ‘देको, बींद, आरियो हे! वणीऊँ मलबा का वाते चालो।’
पछे वो वाँका चेला का नके आन वाँने हुता देक्या अन पतरसऊँ क्यो, “कई थाँ मारा हाते एक घड़ी भी ने जाग सक्या?
तद्याँ ईसू पाच्छा आन वाँने पाच्छा हूँता तका देक्या, काँके वीं गेरी नींद में हाँ।
अन बारणे लोग जकरय्या की वाट नाळन अचम्बो करबा लागा के, वींने मन्दर में अतरी टेम कस्यान लागी?
पण, यद्याँ वी दास होचबा लाग जावे के, ‘माँके मालिक के आबा में आलतरे टेम हे,’ अन नोकर-चाकर ने मारबा-कुटबा अन खाबा-पिबा अन नसा में धुत वेवा लागे।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, वी तरत वाँको हाँचो न्याव करी। पण मूँ मनक को पूत जद्याँ आऊँ, तो कई मूँ धरती पे विस्वास पाऊँ?”
तद्याँ ईसू लोग-बागाऊँ या केणी केबा लागा के, “कणी मनक आपणी जमीं पे अंगूरा को एक बाग लगायो अन दूजाँ ने हिजारे दे दिदो अन घणा दनाँ का वाते परदेस परोग्यो।
टेम ने देकता तका थाँ अस्यान करो, काँके थाँ जाणग्या हो के, नींदऊँ जागबा की टेम आगी हे। अन जद्याँ आपाँ विस्वास किदो हो, वीं टेमऊँ का हस्याबूँ आपणो छुटकारो अबाणू हेलो नके हो।
काँके उजाळोईस हे ज्यो हाराई ने चोड़े करे हे। ईं मस अस्यान केवे हे, “ओ हुबावाळा, बेटो वे अन मरिया मूँ जीवतो वेजा, तो मसी को ऊजासो थाँरा पे चमकी।”
थाँ हूँस्यार रेवो अन जागता रेज्यो, काँके थाँको दसमण सेतान दहाड़ करबावाळो नार की जस्यान ईं भाळ में हे के, वो थाँने फाड़न खावे।
पण मारी हिक जो थाँका नके हे वींपे मारे आबा तईं चालतो रेज्यो।