16 तद्याँ, जिंने पाँच नोळ्या मली हा, वणी तरत जान वोपार में किदो अन पाँच नोळ्या ओरी कमई।
जद्याँ वो लेको लेबा लागो, तो एक जणो वाँका हामे लायो ग्यो, जिंपे दस हजार चाँदी का सिक्का को करजो निकळ्यो हो।
ईं तरिया जिंने दो नोळ्या मली ही, वणी दो ओरी कमई।
अन वणी आपणाँ नोकर-चाकर मेंऊँ दस जणा ने बलान वाँने एक-एक मोराँ दिदी अन वाँने क्यो, ‘मारे पाच्छे आबा तई थाँ लेण-देण करज्यो।’
पछे दाऊद आपणाँ जुग में परमेसर के वाते आपणो काम पूरो करन मरग्यो अन वींने वटेईस गाड़्यो जटे वींका बड़ाबा ने गाड़्या हा, वींकी लास हड़गी,
अन आज मूँ ज्यो कई भी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ अन वींकी दया मारा वाते बेकार ने गी। काँके में दूजाऊँ हेली मेनत किदी हे, पण परमेसर की दया मारा पे हे जणीऊँ मूँ अस्यान कर सक्यो हूँ।
मेनत करबावाळा करसाण नेईस हाराऊँ पेल्याँ हाक को फळ मलणो छावे।