ईं वाते देको, मूँ थाँका नके परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन अकलमन्द अन गरुवा ने खन्दाऊँ हूँ अन वणा मूँ करता ने तो मार नाको अन हूळी चड़ावो, अन किंने आपणाँ परातना घर में कोड़ा मारो अन एक नगरऊँ दूजाँ नगर दोड़ता फरो हो।
ईं वाते परमेसर को ग्यान भी केवे हे के, ‘मूँ वाँका नके परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन खन्दाया तका ने खन्दाऊँ। पसे वीं वाकामूँ वीं करता ने तो मार नाकी अन नरई ने हताया करी।’
पण, अणा हारी बाताँऊँ पेल्याँ वीं मारा नाम का पाच्छे चालबा की वजेऊँ थाँने पकड़ी अन हताई अन यहूदियाँ का परातना घर में हूँपी अन जेल में नाक देई अन राजपाल अन अदिकारियाँ का हामें ऊबा करी।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।
मूँ जाणूँ हूँ के, थूँ वटे रेवे हे जटे सेतान की गाद्दी हे। अन मारा ईं नाम पे विस्वास करे हे जद्याँ के, थाँरा नगर में मारो विस्वास जोगो दास अन्तिपास वटे मारिया ग्यो, जटे सेतान की जगाँ हे। तो भी थूँ विस्वासऊँ ने छेटी व्यो।
में वणीऊँ क्यो, “हे मालिक, थाँ तो जाणोई हो।” तो वणा माराऊँ क्यो, “ईं वीं मनक हे जी कळेस जेलन आया हे अन अणा आपणाँ गाबा ने उन्याँ का लुईऊँ धोन धोळा किदा हे।