वाँका मूँ अगबुस नाम को एक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो ऊबो वेन परमेसर की आत्माऊँ आ आगली बतई के, आकी दनियाँ में काळ पड़बा वाळो हे, जो कलोदियुस की टेम में पड़्यो।
जद्याँ उन्ये तीजी मोर खोली, तो में वणी तीजा जीवता जीव ने अस्यान बोलतो हुण्यो, “आ।” पछे में एक काळा घोड़ा ने देक्यो। जो वींपे सवार हो, वींके हात में एक ताकड़ी ही।
अन में वणा च्यारई जीवता जीव का बचमें मेंऊँ ओ हेलो हुण्यो, “आबावाळा टेम में धरती पे काळ पड़ी, वीं टेम में एक दन की दानकी में एक दन का खावा अतराक गऊँ कन एक दन की दानकी में तीन दनाँ खावा अतराक जो मली, पण जेतुन का तेल अन अंगूरा को रस को भाव ने बदली।”
अन में फिका पीळा रंग को घोड़ा देक्यो। ज्यो वींपे सवार हो वींको नाम मोत हो, वींके पाछे-पाछे पाताळ हो वींने धरती का एक चोता भाग पे हक दिदो ग्यो के, वो तरवारऊँ, काळऊँ, मांदकीऊँ अन धरती का जनावराऊँ मनकाँ ने मरावे।