“देको हूँस्यार रेज्यो, मूँ थाँने अदिकार का हाते अस्यान बारणे खन्दारियो हूँ जस्यान गारा ने वरगड़ा का बचमें खन्दाया जावे ईं वाते हाँप का जस्यान हेंचेत रो अन परेवड़ा का जस्यान भोळा बणो।
मूँ ओ केवूँ हूँ काँके जूटा मसी अन जूटा मनक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा का वाते ऊबा वेई अन अस्या अस्या नरोगा हेन्याण बताई अन अचम्बावाळा काम केरी के, वीं चुण्या तका ने भी भटका देई।
जद्याँ मूँ दूजी दाण थाँका हाते हो, तो मूँ थाँने चेताया हाँ अन अबे जद्याँ के, मूँ थाँकाऊँ छेटी हूँ, तो भी मूँ थाँने पाच्छा चेतारियो हूँ के, यद्याँ मारो पाछो थाँका नके आणो व्यो तो जणा पाप किदो हे वाँने अन बाकी दूजाँ मनकाँ ने भी ने छोड़ूँ।