18 अन ज्यो खेता में वेवे, वो आपणाँ गाबा लेबा ने पाछो भी ने फरे।
ज्यो मनक आपणाँ घर की मेड़ी पे वेई, वे घर मयने जान कई भी चीज वाँके लारे लेबा का वाते टेम खराब ने करे।
“वाँ दनाँ वीं लुगायाँ जी गरबवती वेई अन ज्याँके दूद पीता बाळक वेई, वाँका वाते वे दन घणा दुक भरिया वेई।
वणी दन जी मेड़ी पे वे अन वाँको सामान रेटे घर रे मयने वे तो, वीं सामान लेबा का वाते रेटे ने उतरे। ईं तरिया ज्यो कुई खेत में वे, वीं पाच्छा कई भी सामान लेबा का वाते ने आवे।