मूँ अंदारा में ज्यो कई थाँकाऊँ केवूँ हूँ, वींने थाँ दन का उजिता में केज्यो। ज्यो कई में थाँका कान्दड़ा में क्यो, थाँ मेड़ी माते चड़न, वींको परच्यार करो।
“ईं वाते मूँ थाँने केवूँ हूँ के, आपणाँ जीव का वाते यो होच मती करज्यो के, आपाँ कई खावा, कई पिबा, अन ने आपणी देह के वाते के, कई पेरा। कई जीव खाणाऊँ अन देह गाबाऊँ खास कोनी?
अणी वाते ज्यो कई थाँ अन्दारा में क्यो हे। वो उजिता में हुण्यो जाई। अन ज्यो थाँ ओवरा में छाने-छाने किंका कान्दड़ा में क्यो हो, वींने मेड़्या पूँ हाराई का हामे घोसित किदो जाई।”