पाछो मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ, यद्याँ थाँकाऊँ दो जणा धरती पे कणी एक बात का वाते एक मन वेन वींने मांगी, तो वो मारा बाप की ओरू ज्यो हरग में हे, वाँका वाते वेजई।
जद्याँ ईसू जेतुन का मंगरा पे बेट्या तका हा, तो चेला अकेला वाँका नके आन क्यो, “माने बता के, ईं बाताँ कदी वेई? थाँके आबा को अन जग का अन्त को कई हेन्याण वेई?”
ईसू हारई नगराँ अन गामाँ में जाता अन वाँका परातना घर में हिकाता रिया अन परमेसर का राज का हव-हमच्यार को परच्यार करता रिया अन हारी मांदकी अन कमजोरियाँ ने छेटी करता रिया।
परमेसर की पुवितर आत्मा ईसू ने हरग में लेन परीगी वीं दन तईं ईसू हिकई अन किदी। ईसू को हरग में जाबाऊँ पेल्या ईसू थरप्या तका चेला ने पुवितर आत्माऊँ उपदेस दिदा।
वाँका मूँ अगबुस नाम को एक परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळो ऊबो वेन परमेसर की आत्माऊँ आ आगली बतई के, आकी दनियाँ में काळ पड़बा वाळो हे, जो कलोदियुस की टेम में पड़्यो।
काँके वणी एक दन ठेरायो हे, वीं आपणाँ थरप्या तकाऊँ वो धरती का हंगळा मनकाँ को हाँचऊँ न्याव केरी, अन वणी मरिया तका मूँ पाछो जीवतो वेन हंगळा मनकाँ में आ बात पाकी कर दिदी हे।
जद्याँ वाँने पोलुस अन सिलास ने मल्या, तो वीं यासोन अन कुई विस्वास्याँ ने पकड़न नगर का हाकमाँ का नके गड़ीन लान हाको करन केबा लागा, “अणा मनकाँ दनियाँ में उळट-पुळट किदी हे, अन वीं मनक अटे भी आग्या हे
ईंऊँ बेस या एक बातईस की दरप कोयने हे के, आपणो काम धन्धो बदनाम वेई, पण ओ भी के, आपणी पुवितर देवी अरतिमिस का मन्दर ने भी नेजोगो मान्यो जाई अन ईं मोटी देवी की मेमा भी खतम वे जाई, जिंने हंगळा आसिया अन दनियाँ का लोग पूजे हे।”
ईंका केड़े में एक ओरी हरग-दुत ने आकास का बचमें में ऊसे उड़तो तको देक्यो। वींके नके धरती पे रेबावाळा हाराई मनकाँ का वाते, हाराई देस, हारी बोली बोलबावाळा का वाते अन हाराई कुल का मनकाँ ने हुणाबा का वाते अनंत हव हमच्यार हो।
ईं सेतान की आत्मा ही, वणामें चमत्कार करबा की तागत ही। अन ईं हाराई दनियाँ का राजा ने भेळा करबा का वाते चालन पड़ी, जणीऊँ वीं हाराई राजा ने परमेसर का हामे लड़बा का वाते आकरी दन भेळा करे।