काँके यद्याँ मसी में थाँने हिकाबावाळा दस हजार भी वे, तद्याँ भी थाँका बापू नरई ने हे। काँके हव हमच्यार हुणाबाऊँ अन ईसू मसी में मूँ थाँको बापू बण्यो हूँ।
पछे जद्याँ आपणी देह का बापू भी आपाँने तापड़े हे अन आपाँ वाँकी इजत करा हा, तो पछे आपाँने आपणाँ आत्मिक बापू का क्या में भी रेणो छावे, जणीऊँ आपाँ जीवता रेवा।