आपणाँ उपदेस में वे क्यो, “मूसा का नेमा ने हिकाबावाळाऊँ हूँस्यार रेणो। वाँने आपणाँ जब्बा पेरन अटने-वटने गूमणो हव लागे हे। अन वीं छावे के, बजार में दूजाँ लोग माने नमस्कार केवे।
जदी पतरस बोल्यो अन ईसुऊँ क्यो, “हो गरू, आ बात घणी रुपाळी हे के, माँ हारई अटे हा। माने तीन टापाँ बणाबा दे। एक थाँके वाते, एक मूसा के वाते अन एक एलिया का वाते।”
वो एक दन राते ईसू का नके आन क्यो, “हो गरुजी, माँ जाणा हाँ के, थाँ गरुजी हो अन थाँ परमेसर का आड़ीऊँ खन्दाया तका हो, काँके अस्या परच्या, जी थाँ बतावो हो, यद्याँ परमेसर वाँका हाते ने वेवे, तो वो ने बता सके हे।”