अन वीं बजारऊँ आन जतरे हापड़ ने लेता, वतरे वीं खाणो ने खाता हा। अस्यानीस नरी ओर भी अस्यी रीतियाँ ही, जिंको पालण करता हा, जस्यान के लोट्या, कळस अन ताँबा का ठामड़ा ने माँजणा अन धोणा।
हो मारा प्यारा भायाँ, आपणाँ नके परमेसर को दिदो तको करार हे। ईं वाते थाँ आवो, अन परमेसर को मान करता तका खुद ने पुवितर करबा का वाते खुद की आत्माने अन देह ने मयनेऊँ अन बारणेऊँ हुगली चिजाँऊँ पुवितर करो।