“ओ आन्दा अगुवाँ, थाँने धिकार हे। थाँ केवो हो के, ‘यद्याँ कुई मन्दर की होगन खावे हे तो कई ने, पण यद्याँ कुई मन्दर का होना का होगन खावे, तो वींने वींको पालण करणो जरूरी हे।’
तद्याँ वीं ईसू ने केफा का नकेऊँ रोमी राजपाल का दरबार में लेग्या अन भाग-फाट्याँ को टेम हो, पण यहूदी अदिकारी ज्यो वींने लेग्या हाँ वीं खुद दरबार मयने ने ग्या, ताँके असुद ने वेवे, पण फसे का तेवार को खाणो खा सके।