आपणाँ उपदेस में वे क्यो, “मूसा का नेमा ने हिकाबावाळाऊँ हूँस्यार रेणो। वाँने आपणाँ जब्बा पेरन अटने-वटने गूमणो हव लागे हे। अन वीं छावे के, बजार में दूजाँ लोग माने नमस्कार केवे।
“मूसा का नेमा ने हिकाबावाळाऊँ हूँस्यार रेवो, ज्याँने लाम्बा-लाम्बा कुरता पेरणा घणा हव लागे हे अन ज्याँने बजाराँ में नमस्कार अन मोटी-मोटी सबा में ऊँचा-ऊँचा आसन अन जीमणा में ऊँची जगाँ पे बेटणो घणो हव लागे हे।