19 ओ आन्दा, कूण मोटो हे, चड़ावो कन वेदी ज्याऊँ चड़ावो पुवितर वणे हे?
हो आन्दा वेण्डा मनकाँ, कूण मोटो हे, होनो कन वो मन्दर जीऊँ होनो पुवितर वेवे हे?
“पछे थाँ अस्यान भी केवो हो के, ‘यद्याँ कुई वेदी की होगन खावे तो कई ने, पण ज्यो चड़ावो वींपे हे, यद्याँ कुई वींकी होगन खावे, तो वींने वाँ होगन पुरी करणी जरूरी हे।’
ईं वाते ज्यो वेदी की होगन खावे हे। तो वीं वेदी का हाते वेदी में ज्यो राक मेल्यो हे, वणा हाराई का होगन खावे हे।