1 तद्याँ ईसू मनकाँ की टोळी अन आपणाँ चेलाऊँ क्यो,
पछे ईसू भीड़ ने आपणाँ भड़े पाच्छी बलई अन क्यो, “थाँ हारई मारी बात हुणो अन हमज्यो।
पसे जद्याँ हजारो मनक भेळा वेग्या हा अन अटा तईं के, मनक एक-दूँजा के ऊपरे पड़रिया हा, तद्याँ ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो के, “फरीसियाँ का कपट रूपी हाज्याऊँ बंचन रेवो।
ईसू हेंचेत करता रेवे हे के, “थाँ खुदई जाणो लो के, हाँच कई हे?