46 ईसू की या बात हुणन कुई भी एक बात भी ने के सक्यो। वणी दनऊँ कणी वाँकाऊँ कई पूँछबा की हिम्मत ने किदी।
ईं वाते वणा ईसू ने जबाव दिदो, “माँ ने जाणा।” तो ईसू भी वाँकाऊँ क्यो, “तो मूँ भी थाँने ने बताऊँ के, ईं काम किंका हकऊँ करूँ हूँ।”
“पछे जद्याँ दाऊद वींने ‘परबू’ केवे हे, तो वो वींको पूत कस्यान वे सके?”
जदी ईसू ओ देक्यो के, वो मनक पुरी हमजदारीऊँ जबाव दिदो, तो वणा क्यो, “थूँ परमेसर का राजऊँ घणो छेटी कोयने।” ईंका पछे कुई भी ईसुऊँ कस्योई सवाल पूँछबा की हिम्मत ने किदी।
जद्याँ ईसू या बात की, तो वींका हाराई विरोदी लाजा मरबा लागा अन हाराई मनक वणी परचा का कामऊँ ज्यो वणा किदो हो वणीऊँ बड़ई करबा लागग्या।
पण, वीं छानारिया। ईसू वींके हात लगान वींने हव किदो अन जाबा दिदो।
पण वी अणी बात को जवाब ने दे सक्या।
अन ईंका केड़े वणा की ईसुऊँ कई ओरी पूछबा की हिम्मत ने वी।
अन वे वीं हव व्या तका लंगड़ा मनक ने वाँकी लारे ऊबो देक्यो, तो वाँके हामे बोल ने सक्या।
मूँ थाँरा बड़ाबा को परमेसर हूँ, अबराम, इसाक अन याकूब को परमेसर हूँ। तो मूसो घबरान धूँजवा लागो अन वटे देकबा की भी हिम्मत ने कर सक्यो।