37 ईसू वींने क्यो, “थूँ आपणाँ परबू परमेसरऊँ आपणाँ पूरा मन, पूरा जीव अन पुरी अकल का हाते परेम राक।
“हो गरू, मूसा का नेमा में कस्यी आग्या मोटी हे?”
मोटो अन खास हुकम तो योईस हे।
हारई मनऊँ, हारई अकलऊँ, अन आपणी हारई तागतऊँ थने परमेसरऊँ परेम करणो छावे। अन आपणाँ पड़ोसीऊँ भी अतरो परेम कर, जतरो परेम थूँ खुदऊँ करे। अणा दुई आग्या ने मानणी, हाराई होमऊँ अन बलीदानाऊँ भी बड़िया हे।”
वणी वणाऊँ क्यो, “थूँ आपणाँ परबू परमेसरऊँ आपणाँ पूरा मन अन पुरी आत्माऊँ अन आपणी हारी सगतिऊँ अन आपणी हारी अकलऊँ परेम कर, अन आपणाँ पड़ोसीऊँ आपणाँ जस्यान परेम राक।”
काँके देह पे मन लगाणो तो परमेसरऊँ दसमणी राके हे, काँके देह ने तो परमेसर का नेम पे चाले हे अन नेई कदी चाल सके हे।
मसी आपाँने ओ आदेस दिदो हे के, आपाँ परमेसरऊँ परेम करा हा, तो आपाँने आपणाँ भायाँऊँ भी परेम करणो छावे।