34 जद्याँ फरीसियाँ ओ हुण्यो के, ईसू सदुकियाँ को मुण्डो बन्द कर दिदो, तो वीं एक हाते अगेटा व्या।
पछे फरीसी वटूँ पराग्या अन ईसू ने मारबा को गेलो होदबा लागा।
जद्याँ यहुन्ने यो देक्यो के, नरई फरीसी अन सदुकी वाँका नके बतिस्मो लेबा ने आरिया हे तो वणी वाँकाऊँ क्यो, “ओ, हाँप का बच्या। थाँने कणी हेंचेत कर दिदा हे के, थाँ परमेसर की आबावाळी रीसऊँ बंच निकळो?
अन देको, मूसा का नेम हिकाबावाळो ऊबो व्यो अन ईसू की परक करबा का वाते वणीऊँ पूँछ्यो, “गरुजी, अनंत जीवन पाबा का वाते मूँ कई करूँ?”