28 काँके वाँ हातई भायाँ की लुगई वीं ही, तो अबे माँने बतावो, अणाके पाच्छा जी उठबा का केड़े वाँ वणा हातेई भायाँ मूँ किंकी लुगई वेई?”
हारई का केड़े वाँ लुगई भी मरगी।
ईसू वाँने क्यो, “थें नेमीई डापा में पड़ग्या, ने तो सास्तर जाणो हो अन ने परमेसर की तागत ने।