वाँ पछे तीजा हाळी ने वाँका नके खन्दायो, जिंने भी वाँकाणी मार नाक्यो। अस्यान दूजाँ हारई हाळयाँ ने खन्दाया, जीमूँ वाँकाणी किंने तो कुट्या अन किंने तो नेमी मार नाक्या।
तो पतरस वींने क्यो, “थाँ दुई जणा परमेसर की आत्माने परक करबा के वाते काँ राजी व्या? देक, थाँरा घरधणी ने गाड़बावाळा बारणा में ऊबा हे, अन वीं थने भी तोकन लेजाई।”