काँके मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, यद्याँ थाँकी धारमिकता मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ की भगतीऊँ मोटी ने वेई, तो थाँ हरग का राज में कदी ने जा सको।”
आपाँ जाणा हे के, नेम ज्यो कई केवे हे, वाँने केवे हे ज्यो नेमा का बंस में हे। अणीऊँ हाराई का मुण्डा बन्द किदा जा सके अन हारी दनियाँ परमेसर का दण्ड के जोगी वे।
ईं वाते जद्याँ तईं परबू ने आवे वणीऊँ पेल्याँ किंको भी न्याव मती करो। वीं तो अदंकार में हपी तकी बाताँ ने भी उजिता में दिकाई अन मना की बाताँ भी हामे लाई अन वणी दाण परमेसर का आड़ीऊँ हरेक की बड़ई वेई।