40 “ईं वाते ईसू वाँने पूँछ्यो, जद्याँ बाग को मालिक आई, तो वो हिंजारिया का हाते कई केरी?”
जद्याँ हाँक पाकबा की टेम वी, वाँकाणी आपणाँ थोड़ाक दासा ने वींकी हाँक को हिस्सो लेबा का वाँते हिंजारिया का नके खन्दाया।
ईं वाँते वणा वींने पकड़्यो अन बागऊँ बारणे काड़न मार दिदो।
वाँकाणी वाँने क्यो, “वो वीं हत्यारा ने मार नाकी अन बाग ने दूजाँ ने हिजारे दिदे, ज्यो टेम-टेम पे वींने हाँक को हिस्सो देतो रेई।”
ईसू पूँछ्यो, “अंगूरा का बाग को मालिक वाँ हिंजारिया का हाते कई केरी? वो आन, ईं हिंजारिया ने मार नाकी अन बाग दूजाँ ने हूँप देई।
थाँ होचो के, वो मनक कतरो दण्ड भोगी, जणी आपणाँ पगा का रेटे परमेसर का बेटा ने गूँन्दयो हे, अन वो वणी करार का पुवितर लुई जणीऊँ वो पुवितर किदो हो वो वींने एक अपुवितर मान्यो हे अन वणी दया करबावाळी आत्मा को भी अपमान किदो हे।