30 पछे बाप दूजाँ छोरा का नके जान अस्यानीस क्यो। बेटे जबाव दिदो ‘हाँ मूँ जाऊँ,’ पण ने ग्यो।
पण वणी जबाव दिदो, ‘मूँ ने जाऊँ,’ पण पछे पछताण परोग्यो।
बतावो अणा दुयाँ मूँ कणी बाप की बात मानी?” वाँकाणी क्यो, “पेले बेटे।” ईसू वाँने क्यो, “मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ के, कर लेबावाळा अन वेस्या थाँकाऊँ पेल्या परमेसर का राज में जाई।
ईं वाते वीं थाँकाऊँ ज्यो कुई कई केवे, वो करणो अन मानणो, पण वाँका जस्यान काम मती करज्यो, काँके वीं केवे हे पण करे हे कोयने।
वीं परमेसर ने जाणबा को दावो तो करे हे, पण वाँका काम वाँने नकार देवे हे। वीं हूँगला अन बात ने ने मानबावाळा हे, वीं हव काम का जोगा ने हे।