2 “आपणाँ हामे वाळा गाम में जावो! वटे जाताई थाँने एक गदेड़ी बंदी तकी मेली, अन वाँका नके वींको एक बाछरो बंद्यो तको मली। वींने खोलन मारा नके ले आवो।
जद्याँ ईसू अन वींका चेला यरूसलेम का नके पोछ्याँ अन जेतुन का मंगरा पे बेतफगे का नके आया, तो ईसू दो चेला ने ओ केन खन्दाया,
यद्याँ कुई थाँकाऊँ पुच्छे, तो केज्यो के, ‘परबू ने ईंकी सावना हे,’ तद्याँ वो तरत वींने खोलन थाँका हाते खन्दा देई।”
ईसू क्यो, “नगर में फलाणा आदमी का नके जान वणीऊँ केवो के, गरू केवे हे के, ‘मारो टेम नके हे, मूँ आपणाँ चेला का हाते थाँरा अटे फसे को तेवार मनाऊँ।’”