16 अन ईसू वाँने केवा लागा, “कई थूँ हुणे हे के, ईं कई केवे हे?” ईसू वाँने क्यो, “कई थाँ सास्तर में ने भण्यो, ‘छोरा-छोरी अन दूद पिवता फोरा बाळकाँ का मुण्डाऊँ थाँ घणी जे-जेकार करई हे’?”
वीं दाण ईसू क्यो, “हो परम बापू, हरग अन धरती का परबू, मूँ थाँको धन्नेवाद करूँ हूँ के, थाँ अणा बाताँ ने ग्यानी अन स्याणाऊँ हपान राकी अन भोळा मनकाँ पे परगट किदी हे।
ईसू वाँकाऊँ क्यो, “कई थें ओ ने भण्यो के, जद्याँ दाऊद अन वाँका हण्डाळी ने भूक लागी तो वणा कई किदो?
वाँकाणी जवाब दिदो, “कई थाँ सास्तर में ने भण्यो के, दनियाँ ने बणाबावाळा वाँने सरुवात में ‘वाँने मनक अन लुगई का रूप में रच्या हा?’
पण मरिया तका का मेंऊँ जी उठबा का बारा में कई ओ बचन ने भण्यो ज्यो परमेसर, थाँकाऊँ क्यो हो के,
वे लुगायाँ जी गरबवती वेई अन ज्याँके दूद पीता बाळक वेई, वाँका वाते वे दन घणा दुक भरिया वेई।
ईंपे ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँ ने भण्यो के, जद्याँ दाऊद अन वींकी लारे का मनकाँ ने भूक लागी अन खाबा ने कई ने हो, तो वणा कई किदो?
वणा दनाँ वे लुगायाँ जी गरबवती वेई अन ज्याँके दूद पीता बाळक वेई, वाँके वाते घणो अबको टेम वेई, काँके अणीऊँ बचन दोड़ ने सकी। काँके वीं टेम में धरती पे मोटा-मोटा कळेस अन अणा लोग-बागाँ का ऊपरे परमेसर को कोप वेई।